شذرات نثرية
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قَلْبِي مِحْبَرَةٌ
أَكْتُبُ مِنْهَا كُلَّ مَعَانِي الْعِشْقِ
عَلَى شُعَاعِ عَيْنَيْك حَبِيبَتِي
يَشْتَعِلُ ثِقَابُ الشَّوْقِ
مِنْ شَمْسِ انْوثْتِكَ النَّهَارِيَّةِ
وَإِحْتِكَاكُ النُّورِ بِالنَّارِ فِي مَدَارِك
أَحْتَرِقُ بَيْنَ حَنَايَاكِ
أَذُوبُ قِطْعَةَ ثَلْجٍ بَيْنَ يَدَيْكِ
تُصْبِحُ طُهْرًا لِأَيَّامِنَا الْجَرْحَى
تَنْسَابُ نَهْرًا عَلَى تَفَاصِيلَكَ
لِأَكُونَ بَرْدًا وَسَلَامًا
لِقَلْبِك الْجَمِيل..
الشاعر.عباس محمود عامر
Sundry nuggets
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My heart is in ink
I write from it all the meanings of love
My beloved is on the ray of eyes
The nostril piercing ignites
From the sun of your day femininity
And the friction of light with fire in your perimeter
I burn with you
I melt a piece of ice between your hands
She becomes purified for our wounded days
A river flows upon your details
May I be cold and peace
To your beautiful heart ..
The poet Abbas Mahmoud Amer
सांझी डली
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मेरा दिल स्याही में
मेरा दिल स्याही में है
मैं इसे प्रेम के सभी अर्थों से लिखता हूं
मेरी प्यारी आँखों की किरण पर है
नासिका छेदन प्रज्वलित
अपने दिन के सूर्य से स्त्रीत्व
और अपने क्षेत्र में आग के साथ प्रकाश का घर्षण
मैं तुम्हारे साथ जलता हूं
मैं आपके हाथों के बीच बर्फ का एक टुकड़ा पिघलाता हूं
वह हमारे घायल दिनों के लिए शुद्ध हो जाती है
आपके विवरण पर एक नदी बहती है
मैं ठंडा और शांति से रह सकता हूं
तेरे खूबसूरत दिल को ।।
कवि अब्बास महमूद आमेर
तेरे खूबसूरत दिल को ।।
कवि अब्बास महमूद आमेर
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